उरई,जालौन जालौन के विकासखंड कदौरा के ग्राम जौराखेरा में स्थित एक प्राथमिक विद्यालय से एक गंभीर मामला सामने आया है, जहां छोट छोटे बच्चों से विद्यालय में मिड्डे मील के खाना खाने के बाद बर्तन धुलवाए जा रहे हैं। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिससे ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया है मिली जानकारी के अनुसार, योगी सरकार द्वारा मिड्डे मील योजना के अंतर्गत बच्चों को पौष्टिक भोजन प्रदान किया जा रहा है। लेकिन विद्यालय के प्रधानाध्यापक की मनमानी और लापरवाही के कारण बच्चों से स्कूल में झूठे बर्तन धुलवाए जा रहे हैं जो कि न सिर्फ कानूनन गलत है बल्कि बच्चों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक है ग्रामीणों द्वारा वायरल किये गए वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि छोटे-छोटे बच्चे स्कूल में मिड्डे मील के बाद बर्तन धोते नजर आ रहे हैं। इस वीडियो के सामने आने के बाद शिक्षा विभाग की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि बच्चों से इस प्रकार का कार्य करवाना अमानवीय है और इसके लिए विद्यालय प्रशासन पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिये इस घटना को सामने आने के बाद से स्थानीय लोग और अभिभावक बेहद नाराज हैं और उन्होंने शिक्षा विभाग से प्रधानाध्यापक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि बच्चों को विद्यालय में शिक्षा के साथ-साथ नैतिक मूल्यों का भी शिक्षण दिया जाना चाहिए, न कि उनसे मजदूरी करवाई जाये प्रधानाध्यापक देवसिंह निरंजन से बात की तो उन्होने बताया मेरे यहां खाना वाली लगी हुई है वही बर्तन धोती है। प्रधानाध्यापक ने इस बात से साफ इनकार करते हुए पल्ला झाड़ दिया है वहीं वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है जहां पर बच्चों से बर्तन धुलवाए जा रहे वहीं, शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने इस घटना की जांच के आदेश दे दिये है।और शिक्षा विभाग का कहना है कि दोषी पाए जाने पर प्रधानाध्यापक के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी जालौन के कदौरा क्षेत्र के ग्राम जौराखेरा में एक प्राथमिक विद्यालय में नौनहाल बच्चों से बर्तन धुलवाने का मामला सामने आया है, जिसे ग्रामीणों ने वीडियो के माध्यम से उजागर किया है। यह घटना शिक्षा विभाग के लिए एक गंभीर चुनौती के रूप में उभरी है और इस पर त्वरित और कठोर कार्रवाई की मांग की जा रही है खंड शिक्षा अधिकारी प्रभारी कदौरा ज्ञान प्रकाश अवस्थी से जब इस बारे में जानकारी ली गई तो उन्होंने कहा खाने की थाली जो होती हैं उसको बच्चे ही धुलते हैं। बड़ा सवाल यह है कि प्राथमिक विद्यालय में बच्चे 6 वर्ष से लेकर 11 वर्ष के होते हैं अगर इन बच्चों से खाने की प्लेट या थाली धुलवाई जायेगी तो क्या शिक्षा पर असर पड़ेगा या नही पड़ेगा यह तो सोचने वाली बात है बोले ज़िम्मेदार जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी जालौन से बात की गई तो उन्होंने बताया मेरे संज्ञान में अभी ऐसा कोई मामला नहीं आया है अगर इस तरह का कोई वीडियो वायरल हो रहा है तो निश्चित इस पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
जालौन से बलराम सोनी के साथ सोनू कुशवाहा की रिपोर्ट